Thursday 31 December 2015

Last Good Morning of 2015

Hi ! Good Morning to all. This is the last morning of Year 2015. Next Morning will come next Year.


Saturday 26 December 2015

WITH YOU

थाम के तेरे हाथों को,
मैंने रब को पा लिया,
खोया था जो अब तक,
साथ तेरे वो सब पा लिया । 

जीने की चाहत,
खुशियाँ जहाँ भर की,
चंद लम्हों में मैंने,
सारा जहाँ पा लिया। 

न तो ख़ौफ है मौत का,
अब न जीने की आरज़ू है,
पा के तुझको जैसे,
मैंने ज़न्नत पा लिया।

लेखक- आशुतोष रंजन 



Friday 25 December 2015

Rishtey

नाकामियों से सीखा बहुत,
फिर भी नाकाम होते रहे,
क्योंकि वो ज़ख्म थे अपनों के दिये,
जिन्हें हम खामोश सीते रहे। 

न चाहा कि टूटे किसी रिश्ते की डोर,

फिर भी रिश्तों के मोती बिखरते रहे,
सोच कर कि अपने हो जायेंगे अपने कभी,
हम रिश्तों की माला पिरोते रहे। 

दूसरों का गम खुद ओढ़ कर,

साथ जीने के सपने हम संजोते रहे,
जिनकी नावों के थे हम मांझी कभी,
वही हमारी किश्ती डुबोते रहे. . .

                                                                   लेखक- आशुतोष रंजन 

Happy Christmas

Merry Christmas to all of you. May God fulfill your all wishes...




Tuesday 1 December 2015

Without You

साँस भी साँस लेने को राज़ी नहीं,
धड़कन भी धड़कने से कतरा रही है,
तू था  तो दोज़ख भी ज़न्नत थी मेरी,
अब तो रोशनी भी अंधेरा बिखरा रही है...
लेखक- आशुतोष रंजन

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Struggle makes us Stronger

Don't fear from struggle of your life ...